मंगल के South Pole में जमीन के नीचे मिला तरल पानी का एक Lake | Water lake found on mars in Hindi
मंगल ग्रह किसी न किसी कारण से हमारे बीच चर्चा में बना ही रहता है इसके बारे में लेटेस्ट खबर यह है कि इटालियन रिसर्च में यह घोषणा की है कि उन्हें मंगल ग्रह के साउथ पोल के नजदीक मौजूद बर के नीचे लिक्विड वाटर का एक लेखमिल गया है 25 जुलाई 2018 को की गई यह खोज काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इससे पहले तक मंगल पर मौजूद कई स्ट्रक्चर और निशानों को देखकर वैज्ञानिकों ने यह अनुमान तो जरूर लगाया था कि मंगल पर किसी जमाने में लिक्विड वॉटर प्रचुर मात्रा में मौजूद रहा होगा या फिर यह भी कि गर्मी के सीजन में कुछ समय के लिए वहां लिक्विड वॉटर शायद अभी भी ब्लॉक करता होगा पर अभी तक उन्हें वहां लिक्विड वॉटर के मौजूद होने के कोई सबूत नहीं मिले थे |25 जुलाई 2018 को इटालियन विकसित के एक ग्रुप ने यह घोषणा की कि उन्हें मंगल ग्रह के साउथ पोल के नजदीक बर्फ के नीचे लिक्विड वॉटर का एक लेख मिला है अपने रिसर्च पेपर को उन्होंने साइंस जनरल में भी प्रकाशित किया जिसमें उन्होंने पूरे डिटेल में यह बताया कि इटालियन रिसर्च में इस बात का पता कैसे लगाया कि मंगल के साउथ पोल के नजदीक बर्फ के नीचे लिक्विड का एक लेख मौजूद है दरअसल यूरोपियन मंगल के South Pole में जमीन के नीचे मिला तरल पानी का एक Lake | Water lake found on mars in Hindiस्पेस एजेंसी द्वारा छोड़ा गया एक्सप्रेस आज तक मंगल ग्रह का चक्कर लगा रहा है यूरोपियन स्पेस एजेंसी द्वारा छोड़ा गया मार्ग एक्सप्रेस फॉर बेटर साल 2004 से आज तक मंगल ग्रह का चक्कर लगा रहा है इसमें मार्कशीट नाम का एक पावरफुल रडार लगा हुआ है जिस का फुल फॉर्म है एडवांस ग्रेड आफ ऑब्जर्वेशन ओं स्क्वेयर साउंडिंग इंस्ट्रूमेंट यह मंगल ग्रह के सरपंच की ओर लो फ्रिकवेंसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स छोड़ता है इनमें से कुछ व्यस्त मंगल ग्रह की सतह से टकराकर वापस आ जाते हैं जबकि कुछ व्यस्त मंगल के जमीन के नीचे जाकर वहां मौजूद चीजों से टकराकर वापस आते हैं वापस लौट कर आए इन व्हिच स्टडी करने से हमें पता चलता है कि मंगल ग्रह की सतह कैसी है और इसके अंदर क्या छुपा हुआ है उसी तरह अगर हमें यह जानना है कि मंगल
के साउथ पोल पर मौजूद के नीचे क्या है उसकी ओर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स छोड़ते हैं और देखते हैं कि वहां से टकराकर वापस लौट कर आए हमें क्या पता चलता है मंगल के रिया को 3:30 के बाद और वहां से मिले अलगअलग करने के बाद वैज्ञानिक ने यह पाया कि वहां से 7 किलोमीटर अंदर तक और जैसे ही उन्होंने इसके नीचे के एरिया के उन्होंने इसके नीचे के एरिया के रडार के रीडिंग को देखा तो उन्होंने पाया कि वहां एक हाथ ले रहे जिसका रिफ्लेक्शन काफी ब्राइट है उन्होंने पहले इस संभावना पर ध्यान दिया कि कहीं यह जमा हुआ कार्बन डाइऑक्साइड तो नहीं पर उन्होंने पाया कि वह कार्बन डाइऑक्साइड नहीं है | उसके बाद उन्होंने उसके आसपास के डिपॉजिट तथा मौजूद टेंपरेचर को एनालाइज किया और अंत में इसनतीजे पर पहुंचे कि वह कुछ और नहीं बल्कि लिक्विड का एक लेख है जिसमें काफी मात्रा में मौजूद है 12 किलोमीटर तक फैला हुआ है और यह कितना गहरा है इस बात का पता अभी तक नहीं चल सका है वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी गहराई तक हो सकती है इसकी गहराई तक हो सकती है |
नॉर्मल के पोस्ट पर मौजूद बर्फ लो फ्रिकवेंसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक मंगल के जमीन या उसके अंदर मौजूद किसी दूसरे सॉलिड मटेरियल की तुलना में कहीं ज्यादा नफरत करता है पर मांस नहीं कई बार यह पाया कि साउथ पोल के नजदीक मौजूद की नीचे कलेर भी काफी ज्यादा था जिससे यह साफ हो गया कि वहां मौजूद नहीं है हमें पता है कि नीचे मौजूद पानी को जमीन के नीचे मौजूद ग्रीनलैंड जैसे बर्फीले इलाकों में भी देखा है कि बर के नीचे मौजूद पानी लो फ्रिकवेंसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव को जमीन के नीचे मौजूद किसी सॉलि़ड लेस की तुलना में कहीं ज्यादा रिफ्लेक्ट करता है पृथ्वी पर भी अंटार्कटिका जैसे इलाकों में जहां पर हर तरफ बर्फ ही बर्फ है यह पता लगाने के लिए की बर के नीचे क्या है हम इसी रेडर वाली तकनीक का इस्तेमाल करते हैं इसी का इस्तेमाल करके हमें यह पता चला कि अंटार्कटिका में पानी का समुद्र मौजूद है जिसे हमने भी किया वैज्ञानिक ने भी यह मान रहे हैं कि उन्हें मंगल ग्रह पर जो भी मिला है वह निश्चित रूप से पानी ही है क्योंकि वहां मिले रेडिंग बिल्कुल वैसे ही हैं जैसे पृथ्वी पर हमें अंटार्कटिका जैसे इलाकों में पानी के मौजूद होने के मिलते हैं अगर के पानी है तो सवालउठता है कि 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे के तापमान में भी आते हैं वैज्ञानिकों को लगता है कि
सेल्सियस से नीचे के तापमान में भी यह लिक्विड फॉर्म में आखिर कैसे हैं वैज्ञानिकों को लगता है कि शायद पोस्ट पर वोटर आई जलेसर का प्रेशर जमीन के नीचे मौजूद पानी के फ्रीजिंग प्वाइंट को घटा देता होगा इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि वहां पानी में मैग्निशियम कैलशियम और सोडियम स्वर्ण काफी मात्रा में मौजूद होंगे जिसके कारण पानी का फ्रीजिंग प्वाइंट गया होगा ऐसा होना संभव भी है कि मंगल पर यह काफी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं कि अगर पानी मेंमौजूद है तो क्या वह जीवन भी किसी रूप में मौजूद क्योंकि मंगल पर यह काफी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं अगला सवाल उठता है कि अगर मंगल पर पानी तरल रूप में मौजूद है
तो क्या वह जीवन भी किसी रूप में मौजूद है इसके बारे में हम अभी भी कुछ भी श्योरिटी के साथ नहीं कह सकते क्योंकि मंगल की कंडीशन किसी भी ऑर्गेनिक के लिए काफी है पर हमने देखा है कि माइक्रो और कंडीशन में भी तर जाते हैं जहां रहना हमें इंपॉसिबल लगता है काफी नीचे हैं तो हम जानते हैं ऐसी कंडीशनमें भी तर जाते हैं जहां रहना हमें इंपॉसिबल लगता है अंटार्कटिका में बर्फ के काफी नीचे भी हमें माइक्रोवेव लाइक मिले हैं अगर संक्षेप में कहूं तो जिस life-form को हम जानते हैं उचित करवाई करने के लिए तीन चीजों की जरूरत होती है लिक्विड वॉटर एनर्जी सोर्स पर मौजूद है और इन तीनों में से पहली दो चीजें मौजूद हैं तो हमारे पास भी हम नहीं जानते कि पृथ्वी पर जीवन आया कहां से आता है तो संभव है कि मंगल पर जीवनआया कहां से अगर पृथ्वी पर जीवन आ सकता है तो संभव है कि मंगल पर भी वह आया हो और अगर वहां ऐसाहुआ होगा तो मंगल पर मिले पानी के उल्लेख में कम से कम एक फ्री मोबाइल के अभी भी मौजूद होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता जो आखिरी सवाल यह है कि क्या हमें सचमुच मंगल पर लिक्विड वॉटर मिल गया है जिन्हें यह बात हम पक्के तौर पर नहीं कह सकते क्योंकि हमारे पास इसका कोई डायरेक्ट एविडेंस नहीं है हमें जो भी पता चला है वह वहां से भेजे गए डेटा पर आधारित है जो इस बात का संकेत जरूर देता है कि वहां जमीन के नीचे पानी लिक्विड फॉर्म में मौजूद होना चाहिए औरवहां पर असल में पानी है या नहीं इसका पता हमें तभी चल पाएगा जब हमारे कोई वहां जाकर इसकी पुष्टि कर दे हमें अभी भी मंगल पानी मौजूद होने के कोई डायरेक्ट नहीं मिले हैं हमें इस तरह के
और भी लेख ढूंढने की कोशिश करते रहना चाहिए मंगल पर असल में पानी मौजूद है या नहीं इस बात के डायरेक्ट एविडेंस हमें तभी मिल पाएंगे जब हमारा कोई मंगल की जमीन में ड्रिल करके उसका पता लगाएं में मददगार साबित हो सकता है इसके बारे में बता चुके हैं |
मंगल ग्रह किसी न किसी कारण से हमारे बीच चर्चा में बना ही रहता है इसके बारे में लेटेस्ट खबर यह है कि इटालियन रिसर्च में यह घोषणा की है कि उन्हें मंगल ग्रह के साउथ पोल के नजदीक मौजूद बर के नीचे लिक्विड वाटर का एक लेखमिल गया है 25 जुलाई 2018 को की गई यह खोज काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इससे पहले तक मंगल पर मौजूद कई स्ट्रक्चर और निशानों को देखकर वैज्ञानिकों ने यह अनुमान तो जरूर लगाया था कि मंगल पर किसी जमाने में लिक्विड वॉटर प्रचुर मात्रा में मौजूद रहा होगा या फिर यह भी कि गर्मी के सीजन में कुछ समय के लिए वहां लिक्विड वॉटर शायद अभी भी ब्लॉक करता होगा पर अभी तक उन्हें वहां लिक्विड वॉटर के मौजूद होने के कोई सबूत नहीं मिले थे |25 जुलाई 2018 को इटालियन विकसित के एक ग्रुप ने यह घोषणा की कि उन्हें मंगल ग्रह के साउथ पोल के नजदीक बर्फ के नीचे लिक्विड वॉटर का एक लेख मिला है अपने रिसर्च पेपर को उन्होंने साइंस जनरल में भी प्रकाशित किया जिसमें उन्होंने पूरे डिटेल में यह बताया कि इटालियन रिसर्च में इस बात का पता कैसे लगाया कि मंगल के साउथ पोल के नजदीक बर्फ के नीचे लिक्विड का एक लेख मौजूद है दरअसल यूरोपियन मंगल के South Pole में जमीन के नीचे मिला तरल पानी का एक Lake | Water lake found on mars in Hindiस्पेस एजेंसी द्वारा छोड़ा गया एक्सप्रेस आज तक मंगल ग्रह का चक्कर लगा रहा है यूरोपियन स्पेस एजेंसी द्वारा छोड़ा गया मार्ग एक्सप्रेस फॉर बेटर साल 2004 से आज तक मंगल ग्रह का चक्कर लगा रहा है इसमें मार्कशीट नाम का एक पावरफुल रडार लगा हुआ है जिस का फुल फॉर्म है एडवांस ग्रेड आफ ऑब्जर्वेशन ओं स्क्वेयर साउंडिंग इंस्ट्रूमेंट यह मंगल ग्रह के सरपंच की ओर लो फ्रिकवेंसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स छोड़ता है इनमें से कुछ व्यस्त मंगल ग्रह की सतह से टकराकर वापस आ जाते हैं जबकि कुछ व्यस्त मंगल के जमीन के नीचे जाकर वहां मौजूद चीजों से टकराकर वापस आते हैं वापस लौट कर आए इन व्हिच स्टडी करने से हमें पता चलता है कि मंगल ग्रह की सतह कैसी है और इसके अंदर क्या छुपा हुआ है उसी तरह अगर हमें यह जानना है कि मंगल
के साउथ पोल पर मौजूद के नीचे क्या है उसकी ओर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स छोड़ते हैं और देखते हैं कि वहां से टकराकर वापस लौट कर आए हमें क्या पता चलता है मंगल के रिया को 3:30 के बाद और वहां से मिले अलगअलग करने के बाद वैज्ञानिक ने यह पाया कि वहां से 7 किलोमीटर अंदर तक और जैसे ही उन्होंने इसके नीचे के एरिया के उन्होंने इसके नीचे के एरिया के रडार के रीडिंग को देखा तो उन्होंने पाया कि वहां एक हाथ ले रहे जिसका रिफ्लेक्शन काफी ब्राइट है उन्होंने पहले इस संभावना पर ध्यान दिया कि कहीं यह जमा हुआ कार्बन डाइऑक्साइड तो नहीं पर उन्होंने पाया कि वह कार्बन डाइऑक्साइड नहीं है | उसके बाद उन्होंने उसके आसपास के डिपॉजिट तथा मौजूद टेंपरेचर को एनालाइज किया और अंत में इसनतीजे पर पहुंचे कि वह कुछ और नहीं बल्कि लिक्विड का एक लेख है जिसमें काफी मात्रा में मौजूद है 12 किलोमीटर तक फैला हुआ है और यह कितना गहरा है इस बात का पता अभी तक नहीं चल सका है वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी गहराई तक हो सकती है इसकी गहराई तक हो सकती है |
नॉर्मल के पोस्ट पर मौजूद बर्फ लो फ्रिकवेंसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक मंगल के जमीन या उसके अंदर मौजूद किसी दूसरे सॉलिड मटेरियल की तुलना में कहीं ज्यादा नफरत करता है पर मांस नहीं कई बार यह पाया कि साउथ पोल के नजदीक मौजूद की नीचे कलेर भी काफी ज्यादा था जिससे यह साफ हो गया कि वहां मौजूद नहीं है हमें पता है कि नीचे मौजूद पानी को जमीन के नीचे मौजूद ग्रीनलैंड जैसे बर्फीले इलाकों में भी देखा है कि बर के नीचे मौजूद पानी लो फ्रिकवेंसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव को जमीन के नीचे मौजूद किसी सॉलि़ड लेस की तुलना में कहीं ज्यादा रिफ्लेक्ट करता है पृथ्वी पर भी अंटार्कटिका जैसे इलाकों में जहां पर हर तरफ बर्फ ही बर्फ है यह पता लगाने के लिए की बर के नीचे क्या है हम इसी रेडर वाली तकनीक का इस्तेमाल करते हैं इसी का इस्तेमाल करके हमें यह पता चला कि अंटार्कटिका में पानी का समुद्र मौजूद है जिसे हमने भी किया वैज्ञानिक ने भी यह मान रहे हैं कि उन्हें मंगल ग्रह पर जो भी मिला है वह निश्चित रूप से पानी ही है क्योंकि वहां मिले रेडिंग बिल्कुल वैसे ही हैं जैसे पृथ्वी पर हमें अंटार्कटिका जैसे इलाकों में पानी के मौजूद होने के मिलते हैं अगर के पानी है तो सवालउठता है कि 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे के तापमान में भी आते हैं वैज्ञानिकों को लगता है कि
सेल्सियस से नीचे के तापमान में भी यह लिक्विड फॉर्म में आखिर कैसे हैं वैज्ञानिकों को लगता है कि शायद पोस्ट पर वोटर आई जलेसर का प्रेशर जमीन के नीचे मौजूद पानी के फ्रीजिंग प्वाइंट को घटा देता होगा इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि वहां पानी में मैग्निशियम कैलशियम और सोडियम स्वर्ण काफी मात्रा में मौजूद होंगे जिसके कारण पानी का फ्रीजिंग प्वाइंट गया होगा ऐसा होना संभव भी है कि मंगल पर यह काफी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं कि अगर पानी मेंमौजूद है तो क्या वह जीवन भी किसी रूप में मौजूद क्योंकि मंगल पर यह काफी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं अगला सवाल उठता है कि अगर मंगल पर पानी तरल रूप में मौजूद है
तो क्या वह जीवन भी किसी रूप में मौजूद है इसके बारे में हम अभी भी कुछ भी श्योरिटी के साथ नहीं कह सकते क्योंकि मंगल की कंडीशन किसी भी ऑर्गेनिक के लिए काफी है पर हमने देखा है कि माइक्रो और कंडीशन में भी तर जाते हैं जहां रहना हमें इंपॉसिबल लगता है काफी नीचे हैं तो हम जानते हैं ऐसी कंडीशनमें भी तर जाते हैं जहां रहना हमें इंपॉसिबल लगता है अंटार्कटिका में बर्फ के काफी नीचे भी हमें माइक्रोवेव लाइक मिले हैं अगर संक्षेप में कहूं तो जिस life-form को हम जानते हैं उचित करवाई करने के लिए तीन चीजों की जरूरत होती है लिक्विड वॉटर एनर्जी सोर्स पर मौजूद है और इन तीनों में से पहली दो चीजें मौजूद हैं तो हमारे पास भी हम नहीं जानते कि पृथ्वी पर जीवन आया कहां से आता है तो संभव है कि मंगल पर जीवनआया कहां से अगर पृथ्वी पर जीवन आ सकता है तो संभव है कि मंगल पर भी वह आया हो और अगर वहां ऐसाहुआ होगा तो मंगल पर मिले पानी के उल्लेख में कम से कम एक फ्री मोबाइल के अभी भी मौजूद होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता जो आखिरी सवाल यह है कि क्या हमें सचमुच मंगल पर लिक्विड वॉटर मिल गया है जिन्हें यह बात हम पक्के तौर पर नहीं कह सकते क्योंकि हमारे पास इसका कोई डायरेक्ट एविडेंस नहीं है हमें जो भी पता चला है वह वहां से भेजे गए डेटा पर आधारित है जो इस बात का संकेत जरूर देता है कि वहां जमीन के नीचे पानी लिक्विड फॉर्म में मौजूद होना चाहिए औरवहां पर असल में पानी है या नहीं इसका पता हमें तभी चल पाएगा जब हमारे कोई वहां जाकर इसकी पुष्टि कर दे हमें अभी भी मंगल पानी मौजूद होने के कोई डायरेक्ट नहीं मिले हैं हमें इस तरह के
और भी लेख ढूंढने की कोशिश करते रहना चाहिए मंगल पर असल में पानी मौजूद है या नहीं इस बात के डायरेक्ट एविडेंस हमें तभी मिल पाएंगे जब हमारा कोई मंगल की जमीन में ड्रिल करके उसका पता लगाएं में मददगार साबित हो सकता है इसके बारे में बता चुके हैं |
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