सौर मंडल के रहस्य | Secrets of the solar system Hindi


 सौर मंडल के रहस्य | Secrets of the solar system Hindi
 सौर मंडल के रहस्य | Secrets of the solar system Hindi

कल्पना कीजिए क्या चीज है कि जो गीली हो और वह बस की चट्टानों से और यही हो एक रहस्य मेट्रोस्टार और मैग्नेटिक बाबू उसका एक गोला 10 करोड़ मील चौड़ा जहां खतरनाक रेडिएशन पीर के बीच एक आदमी को और तबाही मचाती रही हो गैलेक्सी के दूरदराज सत्य में है मगर हमारे नजदीक ही है हमारे ही सोलर सिस्टम के बाहरी हिस्से में जो कुछ हो रहा है वही तय करता है कि हम जिएंगे हम मरेंगे पिछली सदी के दौरान यूनिवर्स के बारे में हमारी समझ में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है हमने अपनी गैलेक्सी में अरबों उतारे धोने हैं और यूनिवर्स में और वो नई गैलेक्सी भी खोज डाली है हमने ब्लैक होल्स में से
निकलते देखे हैं हमने ब्लैक होल्स में से कौन स्वीट्स निकलते देखे हैं कटते हुए डाटा और दूरदराज सोलर सिस्टम से हमने नए प्लैनेट्स भी देखें लेकिन जब बात आती है हमारे अपनी कॉल मी कोट की तो हम इसके बारे में बहुत कम ही जानते हैं उनको सारी करते हैं और हमारे सबसे करीब है हमारा सोलर सिस्टम हमें सबसे अच्छा डांस करने की अभी शुरुआत हुई है स्टडी करते हैं और हमारे सबसे करीब है हमारा सोलर सिस्टम तो ऐसे ही हमें सबसे अच्छा डांसर समझना चाहिए लेकिन शायद हमने ऐसा करने की अभी शुरुआत ही की है उसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते हैं सोलर सिस्टम हमारा घर है यह हमारा पड़ोस है पर शायद आपको यह जानकर हैरानी होगी हमें यह भी नहीं मालूम किसका दायरा कितना है उनमें मुझे सिखाया गया था कि जहां प्लैनेट्स है वहीं तक सोलर सिस्टम है तो उस समय लूटो सबसे दूर वाला प्लेनेट इन सोलर सिस्टम बस यहीं तक था पर पता चला कि यह बात तो बिल्कुल गलत है अगर आप सोचते हैं कि जहां तक प्लेनेट है वहीं तक सोलरसिस्टम है ज्ञानी जाने चुनौतियों है तो मेरा मानना है कि आप काफी कुछ मिस कर रहे हैं हमें अभी-अभी एक हैरतअंगेज बात पता चली है हमें अभी-अभी एक हैरतअंगेज बात पता चली है जहां हमारे प्लैनेट्स खत्म होते हैं 90 फ़ीसदी से ज्यादा हमारा सोलर सिस्टम वहां से शुरू होता है जब तक सूरज की रोशनी वहां तक पहुंचती है बहुत कमजोर हो चुकी होती है लेकिन हम जानते हैं कि वहां कुछ है जहां से पृथ्वी पर मेहमान आते रहते हैं यह हैं कॉमेडी कहा जाता है कि यह कॉमेंट्स नेपच्यून की आवाज से भी परिस्थिति ग्रह समय से आते रहे हैं लेकिन किसी को नहीं लगता था कि यह बात साबित होगी कचहरी में मौजूद थी इसके बारे में बस अंदाजा ही था पर यह भी माना जाता था कि इसे देखना बहुत ही मुश्किल होगा इस चीज की चौड़ाई 160 किलोमीटर हो सकती है और पृथ्वी से दूरी और वो किलोमीटर इससे छोटी चीज होना मुश्किल है औरकिसी को उम्मीद नहीं थी कि ऐसा हो पाएगा सन 1986 में हवाई के मोना के ऑब्जर्वेटरी के एस्टॉनोमर्स की टीम ने इस बातको गलत साबित करने का फैसला किया मैं चीजें जमा करता रहता है जो हमने ऑब्जर्वेशन के दौरान बनाए थे |
 सौर मंडल के रहस्य | Secrets of the solar system Hindi
मैं एक नोटबुक में बहुत कुछ लिखता रहता था ताकि पहाड़ की चोटी पर हो रही हर बात का ट्रक रख सकूं यह उसका नाम लिखा हुआ है मौला यहां 220 सेंटीमीटर के टेलिस्कोप का नाम लिखा हुआ है मोना क्या इसे राष्ट्रपति भी कहा जाता था स्पेल इसको तो देखने वालों को लगता था कि यह कितनी बेकार चीज है ब्राउन कलर होने की वजह से लगता था इस पर जंग लग गया हैया नहीं इसको बहुत ही बचा है अपने काम के लिए हमेशा ही इस्तेमाल करते हैं अगर यह पेनिस से आगे कोई चीज ढूंढ पाते तो इसे इस भयानक कार्य पर बेल्ट में ही होना था 30 साल तक उन्हें कुछ नहीं मिला ऐसा ही था जैसे किसी बड़े से शहर में कोई पुराना सिक्का ढूंढ ढूंढ हम कई साल तक बाहरी सोलर सिस्टम में चीजों को ढूंढते रहे हमें काफी तकलीफ ही हुई और निराशा भी आपके बारे में भी सोचना होता है देख सकते हैं दूर होते हैं चीजों के स्केल के बारे में भी सोचना होता है हम ऐसे तारे देख सकते हैं जो सैकड़ों या हजारों लाइट ईयर्स दूर होते हैं पर यह चमकने वाले विशाल फ्रेंड होते हैं तो आप सिर्फ 160किलोमीटर चौड़ी और डाल चीज कैसे देखेंगे जिसकी अपनी कोई रोशनी भी ना हो इसलिए इन चीजों को ढूंढना बहुत मुश्किल था घर पर बेल्ट वाली चीजों से बनी होती है तो आपको लगेगा इस वर्ष की तरह चमकना चाहिए राम ज्वालामुखी हम ज्वालामुखी वाले इलाके में तो इनमे से कुछ आइस बस काले हैं रास्ते भागे हुए यानी हमें दिक्कत और बेल्ट वाली चीजो जैसा ही मान सकते हैं तो इनमे से कुछ काले हैं रास्ते में हमें दिक्कत वाली चीज जो जैसा ही मान सकते हैं देखे काफी काला है कॉमेंट्स इसलिए काले होते हैं क्योंकि सूरज उन्हें झुलसा देता है तो यह कहां से आप तो नहीं है जब हम जानते हैं कि कॉमेंट में काफी होते हैं तो नहीं है लेकिन जब हम जानते हैं कि कॉमेंट में काफी आर्गेनिक मॉलिक्यूल सोते हैं यानी काबिल और जाते हैं और उसे हो जाते हैं और जब इन चीजों में अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन और कॉस्मिक रेस अथवा का होता है तो यह झुलस जाते हैं और उससे काले हो जाते हैं तो ऐसे ही है जैसे अब मां के किसी टुकड़े को लेकर उसे बाबा के ऊपर काफी भक्तों केलिए छोड़ दें और वह जलकर काला हो जाए कॉमेंट के साथ भी ऐसा ही होता है बेल्ट वाली चीजें भी ऐसी ही होती है छोटीहोती है और देश के अंधेरे बैकग्राउंड में घुल मिल जाती है इन चीजों की स्टडी के साथ दिक्कत यह है कि उनको देखना बहुत ही मुश्किल होता है इसके लिए बहुत बड़े टेलिस्कोप की जरूरत पड़ती है कहीं पर बैठ वाली बिल्कुल सा चीज है बर्बाद है दशक तक छिपी रही गर्मियों की एक रात स्वीट और उनकी टीम को कुछ नजर आया और बस उसके बाद
सोलर सिस्टम हमेशा के लिए बदल दिया यह लोग सीट और वह नोट्स है जो हम ऑपरेशन के दौरान बनाते हैं 29 अगस्त सन 1992 की शुरुआत आप से मिली तस्वीरों को देखना शुरु किया और हमें यह पहली बार यह बिंदु आसमान में बहुत धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था यह सूरज का चक्कर लगा रहा था लेकिन आगे ले गया ज़ी टीवी कैसे ऑपरेट धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रहा था इसलिए बहुत दूर था इसकीधीमी रफ्तार की वजह से हम जान गए कि अब तक 16 सितंबर वाली थी यहां इस नोट में लिखा है एसएमओ स्लो मूविंग ऑब्जेक्ट क्वेश्चन बनाए हुए थे पलक झपकते ही गाय और बैल की खासियत बन गई और हमारा सोलर सिस्टम भी 2 गुना बड़ा बन गया यह बहुत बड़ी बात थी बहुत बड़ी बात कि पहले हम जिस सोलर सिस्टम के हिस्से की मौजूदगी की बात बिना सबूत के करते थे वह सुबह अचानक सामने था मौजूद से यह साफ पता चल गया बहुत सी चीजें मौजूद रहते पूरा की सोलर सिस्टम का टाइम हो गया बेल्ट की और भी कई चीजों की पहचान की इन्होंने कैलकुलेट किया कि वह ऐसी चीजें एक बड़ी सी देश में सूर्य का चक्कर लगा रही होगी हमारे पास यह पहला सबूत था कि हमारे सोलर सिस्टम में हमारे लिए बड़े-बड़े सरप्राइज़ मौजूद थे हमारे मुताबिक सिस्टम की जो सीमा की गई थी की पहली चीज की खोज एक बहुत ही शानदार कामयाबी थी बात का सुबूत है कि 16 में बहुत सारी चीजें मौजूद थी जिनके बारे में हम पहले अंदाजा ही लगाते थे लेकिन फिर भी हमें तो यूं लगा जैसे हमनेखोज लिया हो यह पृथ्वी की ऑर्बिट के मुकाबले सूर्य से 50 गुना ज्यादा दूर तक फैली हुई है और बेस्ट में मौजूद मटेरियल में प्लांट के बिल्डिंग ब्लॉक्स का बचा कुचा होता है इन चीजों से पृथ्वी या जुपिटर जैसे बड़े ग्रह बन सकते थे लेकिन इसमें से कुछ ऐसा इधर-उधर फैल गया और उसी तरह मौजूद रहा यह छोटे-छोटे टुकड़े प्लांट के बनने केदौरान बचे रहे हैं गाय बैल की खोज से सोलर सिस्टम का साइज बहुत ही बढ़ गया लेकिन एक मेंबर का होता काम हो गया क्योंकि इस बेल्ट में मौजूद कुछ चीजें हमारे सबसे छोटे प्लैनेट प्लूटो से भी बड़ी थी इसीलिए ऐसे dwarf  प्लेनेट का दर्जा दे दिया गया |

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